रविंद्रनाथ टैगोर की रचनाएंःदो बहनें- उर्मिमाला

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शशांक कुछ दिन इसी प्रकार बीते। आँखों में खुमारी आई, मन आविल हो गया। अपने को ठीक-ठीक समझने में ऊर्मि को थोड़ा समय लगा किन्तु एक दिन वह अचानक चौंक उठी। ...

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